Wednesday, June 25, 2025
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एक परिवार को पशु पक्षियों से ऐसा लगाव है कि उन्होंने पक्षियों के लिए अपने दो मंजिले घर को ही चिड़ियाघर बना दिया

कांकेर. छत्तीसगढ़ में एक परिवार को पशु पक्षियों से ऐसा लगाव है कि उन्होंने पक्षियों के लिए अपने दो मंजिले घर को ही चिड़ियाघर बना दिया है. घर में चारों ओर लकड़ी, घास व प्लास्टिक समेत कपास से तैयार घोसले लगाए हैं, जिसमें करीब 30 से 40 गौरैया, 10 से 20 कबूतर व विभिन्न तरह की पक्षी अपना आशियाना समझ रात बिताते हैं और उनके द्वारा डाले गए दाना चुग से अपना पेट भर रहे हैं। यहां पक्षियों को इतनी सुविधा मिल रही कि वहां अंडा भी दिए हैं, जहां से नन्ही पक्षी के रूप में बाहर आते ही उनका नामकरण भी किया गया है। यह कहानी कांकेर शहर के आमापारा में रहने वाली स्मिता खटवानी परिवार की है।

स्मिता ने गांव से की सेवा का शुरुआत

स्मिता खटवानी ने लल्लूराम डॉट काम से चर्चा में बताया कि वह पहले अपने परिजनों के साथ सरोना में रहती थी और बचपन से ही चिड़ियों के आने पर उनके साथ खेला करती थी। धीरे-धीरे उन्हें अहसास हुआ कि अब जगह की कमी के कारण पक्षी आने कम हो रहे हैं। गर्मियों के समय में उन्हें पानी भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे पक्षी भोजन-पानी की तलाश में भटकने लगे हैं। कुछ पक्षी उनके सामने ही दम तोड़ने लगे, जिसके बाद उन्होंने गांव से ही सेवा की शुरुआत कर उनके लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर घोसला तैयार करवाने लगी।

तीन मंजिले मकान में लगाए हैं करीब 500 घोसले

स्मिता अपने दो मंजिला मकान में करीब 500 से ज्यादा घोसला लगाए हुए हैं, जिसमें करीब 100 से ज्यादा घोसलों को पक्षियों ने अपने अनुसार सवारा है और रात गुजारा करते हैं। पक्षियो के आशियाने से चहचआहट की आवाज रोजाना सुबह-शाम जोरों से आती है और गंदगी भी मचाया जाता है। एनिमल लवर उन सब गंदगियों को साफ कर घर को स्वच्छ रखी हुई हैं। स्मिता ने बाकी सभी लोगों से भी अपील करते हुए स्वच्छता पर ध्यान देने की बात कही है।

रोजाना गाड़ी में घूमकर परोसती है भोजन

स्मिता रोजाना कांकेर शहर में अपने ई- रिक्शा से घूमकर कुत्तों और मवेशियों को खाना परोसती हैं, जिससे पशु- पक्षी अपना पेट भरते हैं। रोजाना खाना परोसने से पशुओं और पक्षियो को भी अपने जगह में इंतजार करने का आदत हो गया है। खाना खाने के साथ पशु- पक्षी स्मिता से प्यार दुलार करते दिखते हैं। स्मिता सप्ताह में एक दिन केशकाल पहुंचकर बंदरों के लिए भोजन पहुंचाने का भी काम करती हैं और बंदरों से मिलकर अपने हाथों से खिलाते भी दिखती हैं।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://wsibm.org
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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