Wednesday, June 25, 2025
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यू. डी. मिंज का हमला – ‘यह मुख्यमंत्री का जिला है साहब, यहाँ भ्रष्टाचारियों को प्रमोशन मिलता है और ईमानदारों को सज़ा’

कुनकुरी:– जिले में सड़कों की दुर्दशा और निर्माण में भारी भ्रष्टाचार पर पूर्व विधायक यू. डी. मिंज ने प्रेस को संबोधित करते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने सीधे PWD के EnC पर उंगली उठाते हुए कहा —

“जिस अफसर को गुणवत्ता के चलते पहले हटाया गया था, उसी को सांय-सांय   फिर से EnC बना दिया गया, ताकि वह ‘गुणवत्ता’ के नाम पर अपने आकाओं को खुश करता रहे।” मिंज ने कहा कि यह कोई साधारण पदस्थापना नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का संस्थागत इनाम है। उन्होंने कटाक्ष किया “अब वही व्यक्ति प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सड़क की गुणवत्ता की बात कर रहा है, जिसे सिस्टम ने खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त मानकर हटाया था।”

पूर्व विधायक ने नाबार्ड द्वारा वित्तीय प्रदत चराईडंड से दमेरा रोड का उदाहरण देते हुए कहा कि यह रोड 12 करोड़ में बननी थी, लेकिन 18 करोड़ में बनाई गई। नाबार्ड द्वारा भूअर्जन व estimate रिनुअल नहीं देती है।और CE रहते हुए भतपहरी साहब ने इस रोड का रिन्यूअल का प्रस्ताव शासन को भेजा था जो स्वीकृत नहीं हुआ था। 3 करोड़ से ऊपर की भारी वित्त अनियमिता होने के कारण आज तक विभागीय जांच लंबित है। सभी संबंधित अधिकारीयों पर चार्जशीट दायर हुआ   SDO आज प्रभारी EE हैं ,  प्रमोशन देकर विभाग के शीर्ष पर बैठा दिया गया है।भुगतान हेतु थर्ड पार्टी टीम ने, कलेक्टर ने वा स्वयं मैने पूरी जांच उपरांत ही भुगतान हेतु निर्देशित किया था। जिन गरीब किसानों की जमीन दबाई गई है अनाधिकृत तौर पर उसका मुआवजा देने का जिम्मेदार कौन । क्या मुख्यमंत्री  जी आप अपने विधानसभा के इन गरीब किसानों को अधिकारियों से वसूली कर मुआवजा दिलवाएंगे। “पूरे खेल में वही लोग चमक रहे हैं जो सबसे ज़्यादा जनता को लूट चुके हैं। सवाल ये है कि अब जांच कौन करेगा, जब खुद चोर को चौकीदार बना दिया गया है?” उन्होंने जिले की कई सड़कों की दयनीय स्थिति की ओर इशारा किया — बागबहार-कोतबा, लवाकरा-कोतबा, चराईडांड-बतौली, बंदरचूँवा-फरसाबाहर और तपकारा-लुडेग रोड, जहाँ लोगों ने बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन जवाब में सिर्फ दिखावटी जांच और दबाव आया। यू. डी. मिंज ने कहा कि “यहाँ ठेकेदार और अफसर एक दूसरे के साइलेंट पार्टनर हैं। ठेका कुल लागत के 30% में दिया जाता है, उसमें से भी 30% ऊपर चला जाता है। बाकी 40% में सड़क बनती है — वो भी भगवान भरोसे।” पत्रकारों की स्थिति पर भी उन्होंने गंभीर चिंता जताई और कहा —“सवाल पूछने वाले पत्रकारों को ‘मुकेश चंद्राकर’ बना दिया जाता है, ताकि कोई फिर सिस्टम को आईना न दिखा सके। क्या यही लोकतंत्र है?” उन्होंने  सरकार और प्रशासन से स्पष्ट पूछा —“जब भ्रष्टाचार के जनक को सम्मानित किया जाएगा, तो सड़क पर गड्ढे नहीं, लाशें गिरेंगी। यह मुख्यमंत्री का जिला ज़रूर है, लेकिन गंगा यहाँ सिर्फ ठेकेदारों की गंदगी धोती है — जनता के आँसू नहीं।”

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://wsibm.org
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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