Tuesday, June 24, 2025
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इंसान और जानवर को उसके गुण के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है – विनोद गुप्ता

जशपुर
संकल्प और सेजस जशपुर के प्राचार्य विनोद गुप्ता के द्वारा अपने समस्त शिक्षकों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी। यह कार्यशाला आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम जशपुर के सभागार में में आयोजित कार्यशाला में सेजस और संकल्प के समस्त शिक्षक शामिल हुए लगातार एक ही प्रकार के कार्य करते हुए शिक्षकों की कार्यप्रणाली थोड़ी धीमी हो जाती है ,जिसे तेज करने के लिए निसंदेह यह कार्यशाला बहुत ही कारगार सिद्ध हुई। विनोद गुप्ता जशपुर जिले में अपनी विशेष कार्य प्रणाली के लिए जाने जाते हैं ।उन्होंने शिक्षकों से कुछ सवाल पूछते हुए शिक्षकों का एक ऑनलाइन टेस्ट लिया जिसके आधार पर उन्होंने बताया कि इंसान और जानवरों को उनके गुण के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। इंसानों में दो चीज होनी बहुत जरूरी है पहले आत्म सम्मान और दूसरा आत्मबोध। यदि इंसान अपने जीवन में यह दो चीज प्राप्त कर लेता है तभी वह मनुष्य कहलाने का हकदार होता है। मनुष्य चार जोन में विभाजित होते हैं पहला कंफर्ट जोन, दूसरा फियर जॉन ,तीसरा लर्निंग जोन और चौथा ग्रोथ जोन । उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों में से भी कुछ शिक्षक कंफर्ट जोन में है जो कि अपने जीवन में कुछ भी नया नहीं करना चाहते हैं जो है ,जैसा है ,वैसा ही स्वीकार कर चल रहे हैं उन्हें अपनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं करना है।कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो फियर जोन में है जो कि डर से कोई भी नया कार्य नहीं कर पाते हैं उनमें कॉन्फिडेंस की भी कमी होती है जिसके कारण कोई भी नया कार्य करने से वह डरते हैं। इसके बाद जो शिक्षक होते हैं वह लर्निंग जोन में होते हैं जो हमेशा ज्ञान अर्जित करना चाहते हैं, नई चीजें सीखना चाहते हैं और चुनौती भी स्वीकार करते हैं। लर्निंग जोन के बाद जो शिक्षक हैं वह ग्रोथ जोन में होते हैं जो हमेशा कुछ नया करते हैं। यह शिक्षक खाली नहीं बैठते हैं। इन सभी जोन में आने वाली कमियों उसमें सुधार और नई चुनौतियों के बारे में भी उनके द्वारा बताया गया । उनके द्वारा बहुत सारे लोगों के बारे उदाहरण देकर भी बतलाया गया जो अपने डर के बावजूद अपने जीवन में सफल हुए और पूरी दुनिया में जिनका नाम हुआ।इस तरह की कार्यशाला से सभी शिक्षक बहुत ही उत्साहित थे और उनके एक-एक शब्द को बड़े ध्यान से सुन रहे थे बीच-बीच में उनके द्वारा शिक्षकों से प्रश्न भी किया जा रहे थे जिसका शिक्षक बड़े उत्साह से जवाब दे रहे थे। विनोद गुप्ता सर के द्वारा शिक्षकों से अगले सत्र के लिए लक्ष्य निर्धारण करने के लिए भी कहा गया और उन्होंने यह भी कहा कि इसे आप लिख कर रखें ताकि आप स्वयं अपने आप का आकलन कर सकें कि पूरे वर्ष में जो आप करना चाहते थे वह आप कर पाए या नहीं इससे आप स्वयं अपने आप का आकलन कर पाएंगे, कि आप किस जोन में है यह कार्यशाला बहुत ही प्रभावी थी ।शिक्षक इससे बहुत प्रभावित हुए। शिक्षकों की तरफ से यह विचार भी आया कि कम से कम प्रत्येक तीन माह में इस तरह की कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए।उपस्थित सभी शिक्षकों ने इस कार्यशाला की प्रशंसा की ।

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://wsibm.org
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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