

जशपुर, 01 मई
जशपुर जिले में 17 महिला बाल विकास परियोजना के चार हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बेहद घटिया क्वालिटी के टेबल, कोठी, प्लास्टिक के डब्बों की आपूर्ति को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों में जगह-जगह जमकर आक्रोश देखा जा रहा है।
बगीचा जनपद पंचायत के सीईओ कमलकांत श्रीवास ने भारी भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उच्च अधिकारियों को अवगत करा कर करोड़ों रुपए की आपूर्ति करने वाली एजेंसी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की खातिर पत्र लिखा है।
बगीचा नगर पंचायत के उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि जशपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में निविदा की शर्तों का खुला उलंघन कर यंहा बेहद घटिया क्वालिटी की सामग्री आपूर्ति कर दी गई है। उन्होंने बताया कि निविदा की शर्तों में आठ गेज की स्टील सीट से पेटियों का निर्माण नहीं कराया गया है।इसी वजह स्टील की सामग्री हाथ के दबाव से ही टूट जा रही है। यही कारण है कि अनेक आंगनबाड़ी केंद्रों में टूटी फूटी सामग्री को ही वितरित किया जा रहा है।
जशपुर जिले में ज्यादातर विकास खंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में घटिया निर्माण सामग्री का मामला अब तूल पकड़ने लगा है।
बताया जाता है कि जशपुर जिले में 17 महिला बाल विकास परियोजना के चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में टेबल, कोठी, प्लास्टिक के डब्बों की आपूर्ति की गई है। आदिवासी बहुल इलाकों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों आपूर्ति करने वाली एजेंसी ने निविदा की शर्तों की खुलकर अनदेखी की गई है। आपूर्ति करने वाली एजेंसी के कर्मचारी टूटी फूटी सामग्री को भी जबरन छोड़ कर चले जा रहे हैं।
महिला बाल विकास परियोजना के लिए करोड़ों रुपए की आपूर्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा के संबंध में अनेक पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पास भी लिखित शिकायत भेजी है।
फिलहाल इस मामले को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों ने भी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।