Tuesday, June 24, 2025
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सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं, फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

रायपुर. सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं. एक के बाद कई पोस्ट ईश्वर साहू के फेसबुक पेज से हुआ है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोट के लिए आपत्तिजनक शब्द का कोठा का इस्तेमाल किया है. उनके इस पोस्ट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल भी मच गया. कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि विधायक को शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने दी सफाई

वहीं पोस्ट वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच विधायक साहू की सफाई भी आ गई है. उन्होंने इंस्टाग्राम में स्टोरी लगाकर कहा कि मेरे नाम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम में फर्जी आईडी बनाकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आईडी को रिपोर्ट कर अनफॉलो करने की अपील की है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने BJP पर साधा निशाना:

साजा विधायक के फेसबुक पर हुए इस विवादित पोस्ट को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके fb अकाउंट से पोस्ट जारी हुआ है. न्यायालय के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है. बीजेपी की मानसिकता इस पोस्ट से देखी जा सकती है. अपने अकाउंट से पोस्ट कर ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है. ईश्वर साहू को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक के फेसबुक पर किए गए एक के बाद एक विवादित पोस्ट:

विवादित पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक ने दी सफाई:

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दरअसल यह पूरा मामला वक़्फ संसोशन बिल से जुड़ा है. जिसे लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. SC ने 17 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं.बता दें केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. SC ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए केंद्र को 7 दिन का समय दिया और स्पष्ट किया कि बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं में से केवल 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, क्योंकि सभी याचिकाओं पर सुनवाई करना संभव नहीं है.

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://wsibm.org
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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