Tuesday, June 24, 2025
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डॉक्टरों के लिए दवा के साइड इफेक्ट बनाने के लिए लगाई याचिका को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर दिया

Supreme court: डॉक्टरों के लिए दवा के साइड इफेक्ट बनाने के लिए लगाई याचिका को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को सुनने से मना कर दिया है, जिसमें डॉक्टरों के लिए दवाओं के दुष्प्रभाव मरीजों को बताना अनिवार्य करने की मांग की गई थी। जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मांग को अव्यवहारिक बताया।दरअससल याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि बड़ी संख्या में लोग दवाओं के दुष्प्रभाव का शिकार होते हैं। डॉक्टरों के लिए यह अनिवार्य हो कि वह दवा का पर्चा लिखते समय हर दवा के साइड इफेक्ट की जानकारी भी दर्ज करें।

केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले याचिकाकर्ता जैकब वडक्कनचेरी की तरफ से वकील प्रशांत भूषण कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग दवाओं के दुष्प्रभाव का शिकार होते हैं। डॉक्टरों के लिए यह अनिवार्य किया जाना चाहिए कि वह दवा का पर्चा लिखते समय हर दवा के साइड इफेक्ट की जानकारी भी दर्ज करें।इस पर जजों ने कहा कि इस तरह तो डॉक्टर पूरे दिन में 10-15 मरीजों से ज़्यादा को देख ही नहीं पाएगा। भूषण ने कहा कि डॉक्टर पहले से छपे हुए फॉर्मेट में दवाओं के साइड इफेक्ट की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा, “हर मरीज को अलग दवाएं दी जाती हैं. पहले से लिखे फॉर्मेट का सुझाव भी व्यवहारिक नहीं लगता।जस्टिस गवई ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य केंद्रों में पहले से बहुत भीड़ है। ऐसे में डॉक्टर हर मरीज के प्रेस्क्रिप्शन पर दवाओं के साइड इफेक्ट लिखने का समय कैसे निकाल सकते हैं। डॉक्टर पहले ही इस बात से परेशान हैं कि उनके काम को उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत रख दिया गया है। 

Ravindra Singh Bhatia
Ravindra Singh Bhatiahttps://wsibm.org
Chief Editor PPNEWS.IN. More Details 9755884666
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